Mumbai Saga Real Story :- नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है, हमारी ऑफिशल वेबसाइट Career Bhaskar में, दोस्तों इस पोस्ट में हम जानेंगे। मुंबई सांगा की असली कहानी के बारे में और यह पता लगाने की कोशिश करेंगे, कि मुंबई सागा मूवी में जो स्टोरी दिखाई जा रही है। वह सत्य है या फिर काल्पनिक है। तो इस पोस्ट को अंत तक आप जरूर पढ़ें और मुंबई सांगा की असली कहानी जानने की कोशिश करें।
मुंबई सांगा की असली कहानी ( True Story Of Mumbai Saga )
जबसे दोस्तों मुंबई सांगा का ट्रेलर आया। तब से काफी लोग यह पता करने की कोशिश कर रहे हैं, कि यह कहानी असली है या फिर कल्पनिक है।आपकी जानकारी के लिए बता दूं, कि यह फिल्म संजय गुप्ता के डायरेक्शन में बनाई जा रही है। यह एक क्राइम मूवी है। जिसमें जॉन इब्राहिम अमर्त्य राव नाम के गैंगस्टर की भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा इमरान हाशमी और सुनील शेट्टी भी है।

हमें सूत्रों के हवाले से पता चला है, कि जो मुंबई सांगा की कहानी है। वह गैंगस्टर डीके राव की कहानी पर आधारित है, यह उस डीके राव की कहानी है। जो पुलिस एनकाउंटर में तीन बार जिंदा बचकर निकल गया है और अभी वर्तमान में वह जेल में बंद है।
क्या यह कहानी काल्पनिक है या सत्य है?
काफी लोग कह रहे हैं, कि जो मुंबई सांगा की कहानी है। वह गैंगस्टर डीके राव की कहानी पर आधारित है और यह सत्य बात है। लेकिन दोस्तों जो मुंबई सांगा मूवी में स्टोरी दिखाई जा रही है। वह गैंगस्टर डीके राव की कहानी मैं कुछ काल्पनिक तथ्य जोड़कर दिखाई जा रहे हैं।
अर्थात हम यह कह सकते हैं, कि जो कहानी है, वह पूरी तरीके से गैंगस्टर डीके राव की कहानी पर आधारित नहीं है। क्योंकि कुछ पार्ट इसमें ऐसे भी है, जो डीके राव के जीवन में घटे नहीं है।
ऐसा कहा जाता है, कि डीके राव एक जमाने में आधी मुंबई पर राज करते थे और पूरी मुंबई में उनका खौफ माना जाता था। डीके राव का जो असली नाम था दोस्तों वह रवि मल्लेश था।
डीके राओ कैसे बना डॉन
ऐसा बताया जाता है, कि डीके राव पहले डॉन छोटा राजन के पास काम करता था। लेकिन डीके राव को खुद कुछ करना था। इसलिए उन्होंने डॉन छोटा राजन के गिरोह को छोड़ दिया था और खुद का गिरोह बनाना शुरू कर दिया था।
ऐसा भी बताया जाता है, कि रवि मल्लेश उर्फ डीके राव 23 साल जेल की सलाखों के पीछे रहे और वह 2016 में जेल से रिहा हुआ।
लेकिन अक्टूबर 2017 में एक बिल्डर से फिरौती मांगने के आरोप में उसे दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस पहले इसे दूसरे नाम से जानती थी। लेकिन कई साल पहले लेडी इस्पेक्टर माधुला लाड के साथ इनकाउंटर में वह घायल हुआ था। उस दौरान उसकी जेब में एक बैंक का फर्जी आई कार्ड मिला इसमें उसका नाम डीके राव लिखा था। तभी से अंडरवर्ल्ड की दुनिया में उसे डीके राव के नाम से जाना जाने लगा।
डीके राव का तीन बार एनकाउंटर करने की कोशिश की गई। लेकिन डीके राव तीनों बार बच निकलाऔर ऐसा भी कहा जाता है, कि 1 एनकाउंटर में उन्हें 7 गोली लगने के बावजूद भी उनकी जान बच गई थी। डीके राव का पहला एनकाउंटर 1991-92 में हुआ था।
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राजनीति में एंट्री लेने वाला था डीके राव
ऐसा भी कहा जाता है, कि डीके राव राजनीति में एंट्री लेने वाला था। लेकिन वह जेल और रिहाई के चक्कर में कभी राजनीति में एंट्री नहीं ले पाया और आज भी उसके लिए राजनीति में एंट्री लेना सपना है।
निष्कर्ष :- तो दोस्तों इन सभी तथ्यों पर हमें कह सकते कि जो मुंबई सांगा की मूवी है। वह काल्पनिक मूवी या पूरी तरीके से डॉन डीके राव की जिंदगी पर आधारित नहीं है। इसके कुछ अंश ही डीके राव की जिंदगी पर आधारित है। आपका क्या मानना है, हमें कमेंट में बताइए और इस जानकारी को अपने ज्यादा दोस्तों के साथ शेयर कीजिए।
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