Arbi (Taro): दोस्तों आज हम जानेंगे अरबी के बारे में और इससे होने वाले फायदे।

अरबी के बारे में:
अरबी खाद्य पत्तों वाली एक स्टार्चयुक्त जड़ वाली फसल है। इसे कई नामों से जाना जाता है। अरबी की विविधता रंग और आकार में भिन्न होती है। जब अरबी ताज़ा होती है, तो त्वचा स्वस्थ और थोड़ी नम दिखती है। यह पुरे वर्ष मौजूद रहती है।
अरबी कार्बोहाइड्रेट में उच्च है, परिणामस्वरूप ऊर्जा के उच्चतम सब्जी स्रोतों में से एक है। यह फाइबर, फोलेट और जस्ता का एक अच्छा स्रोत है; नियासिन, राइबोफ्लेविन, थियामिन, विटामिन बी 6, विटामिन सी, विटामिन ई, मैग्नीशियम, पोटेशियम और मैंगनीज का भी एक अच्छा स्रोत है।
अरबी के पत्ते फोलेट, विटामिन ए और मैग्नीशियम का एक अच्छा स्रोत है; इसके अलावा इसमें पोटेशियम, नियासिन, राइबोफ्लेविन, थियामिन, विटामिन बी 6, विटामिन ई, कैल्शियम, आयरन और मैंगनीज भी पाए जाते है।
अरबी के फायदे:
तो जानते है अरबी से होने वाले फायदे।
- अरबी में मौजूद स्टार्च और फाइबर आपको हृदय रोग के जोखिम से बचाने में मदद करता है।
- इसमें मौजूद पॉलीफेनॉल्स में कैंसर के जोखिम को कम करने की क्षमता है।
- अरबी में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जिस कारण यह हमारे पाचन तंत्र की क्षमता को संतुलित रखता है।
- अरबी को फाइबर का अच्छा स्रोत माना जाता है। फाइबर के सेवन से भूख कम लगती है। जिसके कारन वजन में गिरावट आने लगती है।
- अरबी के पत्ते में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कैंसर, हाइपोलिपिडेमिक व एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।
- रोग प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए विटामिन-ई और विटामिन-सी जरूरी हैं। वहीं, अरबी में विटामिन-ई और सी दोनों ही पाए जाते हैं।
- अरबी में विटामिन ई और मैग्नीशियम होता है, जो की मांसपेशियों के निर्माण और उनकी देखभाल करने में मदद करता है।
- डायबिटीज के रोगियों में इंसुलिन को नियंत्रित करने में डायटरी फाइबर महत्वपूर्ण है। जो की अरबी में पाया जाता है। अरबी टाइप-2 मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकती है।
- अरबी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण भी पाए जाते हैं, जो बढ़ती उम्र में आंखों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं।
- अरबी में विटामिन-ए, सी, बी, मैंगनीज, मैग्नीशियम, जिंक, कैल्शियम, सेलेनियम, आयरन, पोटैशियम, बीटा-कैरोटीन व क्रिप्टोक्सांथिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। साथ ही अरबी में प्रोटीन की मात्रा भी होती है, जिस कारण बढ़ती उम्र के प्रभाव को रोकने में मदद मिल सकती है।
- इसमें पाया जाने वाला अमीनो एसिड शरीर के लिए आवश्यक कोशिकाओं की संरचना में मदद करता है।
अरबी का उपयोग:
भारत में जड़ों और पत्तो दोनों का उपयोग किया जाता है। कर्नाटक में, पत्तों को नाश्ते के पकवान के रूप में खाया जाता है। महाराष्ट्र में, पत्तियों को डी-वेजाइंड किया जाता है, इसे बेसन, इमली का पेस्ट, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी, धनिया, हींग और नमक के पेस्ट के साथ रोल कर स्टीम्ड किया जाता है। फिर इन्हें टुकड़ों में काटा जाता है, और स्नैक के रूप में खाया जाता है।
तमिलनाडु में इसे उबालकर, छीलकर और तलकर, चावल के साथ साइड-डिश के रूप में खाया जाता है। गुजरात में, इसका उपयोग पातरा बनाने के लिए किया जाता है। आंध्र प्रदेश में जड़ों को उबालकर, छीलकर, तलकर, चावल के साथ खाया जाता है, या ग्रेवी के साथ उबालकर भी खाया जा सकता है।
कैसे बनती है अरबी की सब्जी :
अगर आप अरबी की सब्ज़ी बनाना चाहते है तो आपको कुछ सामग्री की ज़रूरत पड़ेगी जिनमे अरबी (तारो), टमाटर, हरी मिर्च, सौंफ, लहसुन, हल्दी पाउडर, धनिया कटा हुआ, नमक आदि की जरुरत पड़ेगी।
आप निचे दिए हुए वीडियो में जान सकते है की अरबी की सब्जी कैसे बनाये।
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